मुन्नालाल बिना हेलमेट के स्कूटर से जा रहा था। उसे दरोगा ने रोका और चालान काटने लगा।
मुन्नालाल बोला- सर, मैं तो पान की दुकान पर जा रहा हूं।
दरोगा- अरे, मैं भी वहीं जा रहा हूं। चल...चालान काट दूं...फिर दोनों साथ चलते हैं। वैसे तुम काम क्या करते हो?
मुन्नालाल- जी, मेरी पान की दुकान है
मुन्नालाल बोला- सर, मैं तो पान की दुकान पर जा रहा हूं।
दरोगा- अरे, मैं भी वहीं जा रहा हूं। चल...चालान काट दूं...फिर दोनों साथ चलते हैं। वैसे तुम काम क्या करते हो?
मुन्नालाल- जी, मेरी पान की दुकान है
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