Saturday, March 5, 2011

अंग्रेजों का ही बनाया क़ानून, उन्ही की शिक्षा पद्धति, उन्ही का बनाया स्वास्थ्य पद्धति, उन्ही की न्याय व्यवस्था, यहाँ तक की उन्ही की भाषा, सब कुछ वही है. अपना कुछ भी नहीं. हम तो बस उन्ही का राज चला रहें हैं. दुःख की बात ये है की ये सारी बातें लोगों से गुप्त रखी गयी थी. जनता को सच्चाई बताई ही नहीं गयी और ना ही इसे छात्रों के पाठ्यक्रम में डाला गया. क्यूंकि सरकार ये नहीं चाहती कि जनता को सारी बातें मालूम चलें. अब बात ये है कि अँगरेज़ यहाँ भारत को लूटने आये थे, हमारा उद्धार करने तो कतई नहीं. इसीलिए उन्होंने जो नीतियाँ बने वो शोषण के लिए थी. हमारी सरकारें वही नीतियाँ चला रही हैं. यही कारण है कि आज तक जनता का भला नहीं हो सका. शक्तिशाली लोग क़ानून से नहीं डरते. आम आदमी कानून से पीड़ित है. इतनी योजनायें लागू होने के बाद भी किसी का कुछ भी कल्याण नहीं हुआ. सिर्फ अफसरों और नेताओ का ही भला हुआ. इसीलिए अब हमें पूरा सिस्टम ही बदलना होगा जो वास्तव में जनहितकरी हो.

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